उत्तर प्रदेश: 2017 में सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा में रासुका की 16 महीने से सजा काट रहे चंद्रशेखर रावण को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज रिहा कर दिया।
भीम आर्मी के संस्थापक और दलित नेता चंद्रशेखर रावण सहारनपुर की जेल में 16 महीने से बंद थे। जिसे शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने रिहा कर दिया। दलित नेता चंद्रशेखर रावण की रिहाई को राजनीतिक के रूप में देखा जा रहा है। वही दलित नेता चंद्रशेखर रावण की माँ राज्य सरकार से कई बार रिहा करने की मांग कर चुकी है। जिसके बाद राज्य सरकार ने ये फैसला लिय़ा है। आपको बतादे कि रावण जेल में अभी 1 नवबंर तक रहना था लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहले ही रिहा कर चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने कहा कि, चंद्रशेखर रावण को रिहा करने का आदेश सहारनपुर के जिलाधिकारी को भेज दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी सरकारी सूचना में कहा गया है कि इस मामले में विलास, सोनू और सुधीर को पहले ही जेल से रिहा किया जा चूका है। चंद्रशेखर रावण को रिहा करने के बाद सोनू और शिवकुमार को भी रिहा करने का राज्य सरकार ने फैसला किया है।
Saharanpur: Bhim Army Chief Chandrashekhar alias Ravan comes out of jail after Uttar Pradesh government ordered his early release. He was jailed under NSA charges in connection with the 2017 Saharanpur caste violence case pic.twitter.com/kqE0fz53Yj
— ANI UP (@ANINewsUP) September 13, 2018
गैरतलब है कि ये मामला मई 2017 सहारनपुर में शब्बीरपुर गांव में दलित और ठाकुर समुदाय के बीच का है। जो तनाव के बाद हिंसा में बदल गया था। जिसमे चंद्रशेखर रावण का नाम आया था। नाम आने के बाद चंद्रशेखर रावण अंडरग्राउंड हो गये थे। पुलिस ने चंद्रशेखर रावण के खिलाफ कई धाराओं में FIR दर्ज किया। कुछ महीने बाद यूपी STF ने हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया था। 2 नवंबर 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट से चंद्रशेखर रावण को जमानत मिल गयी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने चंद्रशेखर रावण पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया । इस कानून के अंतर्गत किसी व्यक्ति को पहले तीन महीने के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है। फिर 3 -3 महीने के लिए गिरफ्तारी बढ़ाई जा सकती है। इस कानून में गिरफ्तारी का समय एक बार में तीन महीने से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता है।