देश में चल रहे #MeToo कैंपेन के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट ने नेस वाडिया को बड़ी राहत दी है। असल में बॉलीवुड अभिनेत्री और IPL फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब की को-ऑनर प्रिटी जिंटा ने नेस वाडिया के खिलाफ मोलेस्टेशन का आरोप लगाते हुये बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर जस्टिस रणजीत मोरे और जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने प्रीति जिंटा की याचिका पर सुनवाई करते हुए उद्योगपति नेस वाडिया के पक्ष में फैसला सुनाया है। आपको बतादे की साल 2014 में IPL के एक मैच के दौरान प्रीति जिंटा ने नेस वाडिया मोलेस्टेशन का आरोप लगाया था।
आपको बतादे की प्रीति जिंटा को अदालत ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। इसके बावजूद प्रीति जिंटा की तरफ से कोर्ट में जवाब दाखिल नहीं हुआ इसीलिए बुधवार को जस्टिस रणजीत मोरे और जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने प्रीति जिंटा की याचिका पर सुनवाई करते हुए उद्योगपति नेस वाडिया के पक्ष में फैसला दे दिया।
30 मई, 2014 को प्रिटी जिंटा की तरफ से दाखिल याचिका के अनुसार, मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में IPL का मैच के दौरान नेस वाडिया ने कथित तौर पर प्रीति जिंटा के साथ छेड़खानी की और धमकाया भी। प्रिटी जिंटा ने छेड़खानी को लेकर मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में FIR भी दर्ज करवाई थी।
Bombay High Court quashes molestation case against Ness Wadia filed by actor Preity Zinta against him in 2014. pic.twitter.com/pmUOSpWWL3
— ANI (@ANI) October 10, 2018
हालाँकि मुंबई पुलिस ने इस मामले में 4 साल बाद इस साल फरवरी 2018 में IPC की विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस को दिए अपने बयान में प्रिटी जिंटा ने बताया की नेस वाडिया ने हमारी टीम के कर्मचारियों के साथ टिकट विभाजन को लेकर भी दुर्व्यवहार किया इस संबंध में प्रिटी जिंटा ने पुलिस को सबूत के तौर पर चार फोटोग्राफ भी सौंपे थे। इस मामले के सामने आने के बाद काफी विवाद हुआ था।
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