नई दिल्ली- तीन तलाक से जुड़े बिल में संशोधनों के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत पत्नी को एक बार में तीन तलाक देने वाले पति को जमानत मिलने का प्रावधान विधेयक में जोड़ा जा रहा है। विधेयक में यह प्रावधान विपक्षी की माँग पर किया जायेगा। लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार को विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा। भाजपा ने अपने सभी राज्य सभा सदस्यों को सदन में मौजूद रहने के लिए नोटिस जारी कि है।
हालाँकि इस विधेयक में एक बार में तीन तलाक को गलत मानने और दोषी पति को अधिकतम तीन साल की सजा देने के प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक में बताया कि अगर कोई भी पति अपने पत्नी को अचानक तीन तलाक दे देता है और निकाह तोड़ देता है, तब पीड़िता या उसके किसी सगे-संबंधी की शिकायत पर ही FIR दर्ज हो जाएगी। और साथ ही ये भी बताया कि अगर पति-पत्नी मामले को सुलझाना चाहते हैं तो कुछ नियम-शर्तों पर मजिस्ट्रेट के पास गलती माफ कर देने का अधिकार होगा। पत्नी की सारी बाते सुनने के बाद मजिस्ट्रेट उसके पति को जमानत दे सकते है। अगर लोकसभा से इस विधेयक को मंजूरी मिलती है तो तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक़ में पीड़िता को अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा-भत्ता मांगने का भी हक दिया जायेगा। पीड़िता अपने नाबालिग बच्चों की कस्टडी देने की सिफारिश भी मजिस्ट्रेट से कर सकेगी।