देश में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के नए मामलों में तेजी देखी गई है। इस वजह से टीकाकरण की गति बढ़ाए जाने की चर्चा की जाने लगी है। एक अधिकारी की मानें तो केंद्र सरकार अगले चार से छह हफ्तों में वैक्सीनेशन की दर 5 लाख प्रति दिन ले जाने की योजना बना रही है। सरकार देश में 200 जगहों पर रोजाना किए जा रहे टीकाकरण की संख्या को दोगुना तक बढ़ा सकती है। सरकार यह कदम तब उठा रही है, जब अगले महीने से 50 साल से ऊपर उम्र वाले लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी चल रही है। जब से कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई है, तब से अब तक सिर्फ हेल्थवर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स का ही टीकाकरण किया जा रहा है।
कोरोना वायरस से संबंधी मामलों पर बनाए गए नेशनल टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, ”अभी सॉफ्टवेयर के फंक्शन को चेक करने का काम किया जा रहा था। अब यह साबित हो गया है कि सॉफ्टवेयर लोड को संभालने में सक्षम है, तो जल्द ही संख्या को बढ़ाया जा सकता है।” टीकाकरण को बढ़ाए जाने के पीछे माना जा रहा है कि भारत में कोरोना की नई लहर ने दस्तक दे दिया है। हालांकि, अभी तक इसको लेकर आधिकारिक रूप से साफ नहीं किया गया है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में मामलों में तेजी आई है। एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर डेढ़ लाख के पार पहुंच गई है। रविवार तक लगातार पांच दिनों तक कोरोना के रोजाना सामने आने वाले मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
चार राज्यों में कोरोना वायरस के एक्टिव मामले बढ़े हैं। महाराष्ट्र में 11 फरवरी को एक्टिव मामलों की संख्या 32 हजार थी, जोकि रविवार तक 54 हजार पर पहुंच गई। पंजाब में 12 फरवरी तक कोरोना के 2300 एक्टिव मामले ही बचे थे, जोकि बढ़कर तीन हजार हो गए। आंध्र प्रदेश और दिल्ली में भी एक्टिव मामलों में पिछले दिनों कमी आने के बाद फिर से अचानक से वृद्धि हुई।
कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से कई राज्यों में फिर से सख्ती लागू की जा रही है। महाराष्ट्र ने पिछले कुछ दिनों में सख्ती से लेकर लॉकडाउन तक के कड़े कदम उठाए हैं। राज्य के मंत्री नितिन राउत ने सोमवार को बताया कि नागपुर में केस बढ़ने की वजह से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सात मार्च तक स्कूल, कॉलेजों, कोचिंग क्लासेस को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, सोशल, पॉलिटिकल और कल्चरल इवेंट्स के आयोजन में भारी भीड़ लगाए जाने पर भी रोक लगा दी गई है। सात मार्च तक शनिवार और रविवार को प्रमुख बाजारों को भी बंद रखा गया है।
डॉ. अरोड़ा ने आगे बताया कि शुरू में हमने हर दिन लगभग 300,000 लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा था। इसके पीछे की वजह थी कि इससे होने वाली संभावित दिक्कतों को पहचाना जा सके। देश में प्रतिदिन 500,000 से 800,000 व्यक्तियों का टीकाकरण किए जाने की क्षमता है, जिसका अर्थ है कि हम 50,000 से 100,000 टीकाकरण स्थल स्थापित करेंगे।
भारत में टीकाकरण के शुरुआत होने से अब तक एक करोड़ दस लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। सबसे पहले 16 जनवरी से हेल्थकेयर वर्कर्स से शुरुआत हुई थी, जिसके बाद दो फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाई जाने लगी। सरकार ने 20 फरवरी तक समयसीमा तय की है कि सभी हेल्थकेयर वर्कर्स को कोरोना वायरस वैक्सीन का पहला डोज लगा दिया जाए। सोमवार को अधिकारियों ने बताया कि आठ राज्य 75 फीसदी हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज दे चुके हैं।
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