जम्मू कश्मीर: कठुआ गैंगरेप केस लड़ रही वकील दीपिका सिंह रावत को पीड़ित के परिवार ने पठानकोट कोर्ट में अर्जी देकर इस केस से हटा दिया है। परिवार का कहना है की वकील दीपिका सिंह रावत सुनवाई के दौरान ज्यादातर कोर्ट में नहीं आती थी। जिसकी वजह से उन्हें हटाने का फैसला लिया गया है।
खबरों के अनुसार, वकील दीपिका सिंह रावत खुद इस केस को लड़ने के लिए हामी भरी थी। लेकिन अब दीपिका सिंह के पास कोर्ट में सुनवाई के लिए समय नहीं है। जिसकी वजह से वह केवल दो ही बार सुनवाई में मौजूद रह पाई है। आपको बतादे की दीपिका सिंह राजावत ने इस केस को लड़ने के लिए खुद आगे आई थी जिसके बाद वह सुर्खियों में आ गई थी।
वही पीड़ित के परिवार का कहना है की दीपिका सिंह राजावत अब केस पर ध्यान कम दे रही है जिसके चलते उन्हें इस केस से हटाने के लिए पठानकोट अदालत में अर्जी दी गयी थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, पीड़ित के परिवार के एक करीबी ने बताया की दीपिका इस केस पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रही थी। बल्कि खुद को इंसाफ का धर्मयोद्धा समझ रही थी। जब उनसे इस केस के समय के बारे में पूछा गया तो वह बिल्कुल अज्ञात थी। और अदालत में भी नहीं आती थी। साथ ही ये भी दावा कर रही थी की उनकी जान को खतरा है। इसीलिए परिवार ने उन्हें इस केस से हटाने का फैसला किया।
गौरतलब है की इस साल जनवरी में 8 साल की मासूम बच्ची को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 1 हफ्ते तक मंदिर में बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। और बाद में उसे जान से मार दिया गया था। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और देशभर में इसको लेकर कई जगह प्रदर्शन भी हुए थे।