पश्चिम बंगाल: शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 1 जून से कई तरह की छूट देने का ऐलान किया है जिसमे कार्यालयों में 70 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति तथा धार्मिक स्थलों को खोलना शामिल है। हालाँकि उन्होंने राज्य में लॉकडाउन जारी रहने के संकेत दिए है। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलो के बीच ममता बनर्जी के इस फैसले का भाजपा और माकपा ने आलोचना करते हुए फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, “राज्य में कई संकटों के साथ, हमने राज्य सरकार की कार्यबल क्षमता को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 70प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। बहाली कार्य जारी रखना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और कार्यबल में वृद्धि यह सुनिश्चित करेगी कि सार्वजनिक सेवाएं निर्बाध हों।”
With multiple crises in state, we've decided to increase State Govt workforce capacity from 50% to 70%. Continuation of restoration work is one of top priorities&workforce increase will ensure that public services are uninterrupted: West Bengal CM Mamata Banerjee. (File pic) pic.twitter.com/jVjwS7XScV
— ANI (@ANI) May 29, 2020
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जहाँ कार्यालयों में 70 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति का फैसला लिया है वही निजी क्षेत्र के कामकाज पर खुद फैसला लेने के लिए छूट दी है। बतादे की इससे पहले ममता बनर्जी ने 8 जून से सरकारी और निजी कार्यालयों को पूरी उपस्थिति के साथ खोलने का ऐलान किया था।
शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में कोरोना की वजह से 7 और लोगो की मौत हो गयी। इसी के साथ अब तक कोरोना से मरने वालो की संख्या 295 पहुँच गयी है। कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 4536 पहुँच गयी है। जबकि 1668 लोग ठीक भी हुए है लेकिन अभी भी 2573 केस एक्टिव है।