इससे पहले, डार्क वेब पर डेटा 0.85 बिटकॉइन यानी 8,000 डॉलर में बेचा जा रहा था. डेटा में यूज़र्स के नाम, ईमेल, फोन नंबर, शहर/राज्य /देश और हैश्ड पासवर्ड मौजूद हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘डेटा में विशबोन प्रोफाइल पिक्चर्स के लिंक भी शामिल थे.
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यूआरएल डेटा लोड की गई तस्वीरों में नाबालिगों का वर्णन था. विशबोन ऐप हमेशा से ही ऐतिहासिक रूप से लोकप्रिय रहा है.’
पासवर्ड सादे टेक्स्ट में स्टोर नहीं किया गया था, लेकिन MD5 एल्गोरिथ्म का इस्तेमाल करके इसमें घपला किया गया. एमडी 5 को 2010 में विशेषज्ञों द्वारा ‘क्रिप्टोग्राफिक्लि ब्रोकन’ घोषित किया गया था. एमडी5 के माध्यम से मामूली जटिल पासवर्ड हैश्ड को 30 मिनट या उससे कम समय में क्रैक किया जा सकता है. हैक किए गए डेटा को 13.6 लाख में कई बड़ी कंपनियों को बेचा जा रहा है.
इसके अलावा लगभग 3 करोड़ भारतीयों का डेटा भी लीक हो होने की खबर सामने आई है. ऑनलाइन इंटेलीजेंस कंपनी साइबल ने बताया कि साइबर अपराधियों ने 2.9 करोड़ भारतीयों के पर्सनल डेटा डार्क वेब पर डाल दिए हैं. साथ ही ये भी पता चला कि ये डेटा वहां मुफ्त में उपलब्ध कराया जा रहा है.
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कंपनी ने शुक्रवार को एक ब्लॉग में कहा, ‘नौकरी की तलाश कर रहे 2.91 करोड़ भारतीय लोगों की पर्सनल डिटेल लीक हो गई हैं. आमतौर पर इस तरह की घटना हमारी नजरों में आती रहती है, लेकिन इसने विशेष ध्यान खींचा क्योंकि इसमें बहुत सारी निजी जानकारी भी शामिल हैं. इन डिटेल में शिक्षा, पता, ईमेल, फोन, योग्यता, कार्य अनुभव आदि भी शामिल हैं.’