आंध्र प्रदेश: सीबीआई में चल रही घमासान के बीच नायडू सरकार ने सीबीआई के उस आम सहमति को वापस ले लिया जिसमे सीबीआई बिना राज्य सरकार को सूचित किये प्रदेश में जाकर किसी भी मामले में कभी भी छानबीन या छापेमारी कर सकती थी।
नायडू सरकार ने 8 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी करके ‘दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट’ के सदस्यों को प्रदेश के भीतर अपनी पावर का उपयोग करने की अनुमति वापस ले ली है। नोटिफिकेशन में कहा गया है की सीबीआई के उच्च अधिकारियों पर लगे घूस के आरोपों के बाद सीबीआई पर लोगों का आसरा कम हुआ है, इसलिए सरकार उस आम सहमति को वापस लेती है।
Andhra Pradesh CM Chandrababu Naidu has done the right thing in saying that he won't allow Central Bureau of Investigation (CBI) in his state: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/OZVATm6mP7
— ANI (@ANI) November 16, 2018
गौरतलब है की चंद्रबाबू नायडू भाजपा विरोधी दलों के नेताओं से लगातार मिल रहे है और साल 2019 के चुनावों में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की मुहिम छेड़े हुये है। इसके अलावा नायडू ने भाजपा और वाईएसआर कांग्रेस पर प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने के भी आरोप लगाए हैं।
वही नायडू सरकार द्वारा सीबीआई के प्रदेश में बिना इजाजत एंट्री पर रोक लगाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने इस फैसले का समर्थन किया है और कहा है कि CBI बीजेपी के इशारे पर चल रही थी।
Andhra Pradesh Government has withdrawn the ‘General Consent’ given to the members of Delhi Special Police Establishment to exercise powers & jurisdiction in the state. In the absence of this permission, CBI can't interfere with any case that takes place within the limits of AP pic.twitter.com/bUgvB3hgBD
— ANI (@ANI) November 16, 2018
आपको बतादे की ऐसा ही एक मामला पिछले महीने अक्टूबर में दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था। जिसमें CBI ने छत्तीसगढ़ सरकार के उस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि प्रदेश में एंट्री से पहले राज्य सरकार से परमिशन लेनी होगी। हालांकि, तब अदालत ने साफ कह दिया था की सीबीआई को इसकी जरूरत नहीं है।