उत्तर प्रदेश: शनिवार 29 नवंबर 2020 को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन ने धर्म परिवर्तन अध्यादेश 2020 के गैरकानूनी रूपांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके बाद से अब शादी के लिए अगर जबरन लड़की का धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो धर्म परिवर्तन कराने वाले को 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है इसके अलावा शादी को भी अमान्य घोषित कर दिया जाएगा।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन ने शनिवार को विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में झूठ बोलकर, लालच देकर या किसी अन्य तरीके से शादी के लिए धर्म परिवर्तन को गैर जमानती अपराध माना जाएगा।
Uttar Pradesh Governor promulgates UP Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Ordinance 2020 pic.twitter.com/bXLSmb07y5
— ANI UP (@ANINewsUP) November 28, 2020
नए अध्यादेश के अनुसार गैर जमानती अपराध के मामले में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में मुकदमा चलेगा। अपराध सिद्ध होने के बाद अपराधी को 1 से लेकर अधिकतम 5 साल की सजा काटनी होगी। साथ ही कम से कम 15,000 रुपए का जुर्माना भी देना होगा।
अगर मामला अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के सम्बन्ध में हुआ तो जबरन धर्म परिवर्तन कराने वाले दोषी को 3 साल से 10 साल जेल की सजा। कम से कम 25,000 रुपये जुर्माना देना होगा। वही धर्म परिवर्तन अवैध नहीं है यह साबित करने की जिम्मेदारी आरोपी व्यक्ति की ही होगी। इसके अलावा सामूहिक धर्म परिवर्तन में सामाजिक संगठनों का पंजीकरण रद्द कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।