फिल्ममेकर हंसल मेहता ने बुधवार को अपने बेटे पल्लव की तस्वीर शेयर की और वैक्सीनेशन पर सवाल किया। उनके 25 साल के बेटे को डाउन सिंड्रोम है और कुछ साल पहले लगभग जानलेवा सांस लेने की समस्या हो चुकी है। हंसल ने केंद्र सरकार की तरफ से हाल ही में आए वैक्सीन के बयान पर ये ट्वीट किया है। हेल्थ मिनिस्ट्री की ब्रीफिंग में ये बताया गया था कि वैक्सीन सभी को क्यों नहीं दी जा रही है।
हंसल ने पूछा- जरूरत या चाहत
हंसल ने लिखा है, मेरा बेटा पल्लव 25 साल का है। उसे डाउन सिंड्रोम की समस्या है। कुछ साल पहले उसको सांस से जुड़ी समस्या हो चुकी है जो बिल्कुल जानलेवा थी। क्या वह वैक्सीन चाहता है या उसे जरूरत है?
My son Pallava is 25 years old. He has Downs Syndrome. He has suffered from a near fatal respiratory failure a few years ago. Does he want the vaccine or does he need it? pic.twitter.com/zG5wuIa2t1
— Hansal Mehta (@mehtahansal) April 7, 2021
सबको वैक्सीन देने की की जा रही मांग
कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक होती जा रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि 18 साल से ऊपर सभी लोगों के लिए वैक्सिनेशन की अनुमित दे दी जाए। यूनियन हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने हेल्थ मिनिस्ट्री ब्रीफिंग में इस पर असमर्थता जाहिर करते हुए कहा, जो वैक्सीन लगवाना चाहते हैं उनको देना उद्देश्य नहीं है बल्कि मकसद ये है कि जिन्हें जरूरत है उनको वैक्सीन दी जाए।
कमजोर लोगों को बचाना प्राथमिकता
उन्होंने कहा, आजकल ये सवाल हर कोई पूछ रहा है कि कोविड- वैक्सीन सबको क्यों नहीं दी जा रही, सारे अडल्ट्स को क्यों नहीं दी जा सकती। उन सभी को मेरा कहना है, कोविड-19 वैक्सिनेशन ड्राइव का मकसद दो उद्देश्यों को पूरा करना है- 1 तो मौतों को रोकना दूसरा हेल्थ केयर सिस्टम को बचाना। पेंडेमिक के बीच उद्देश्य उनको वैक्सीन देना नहीं है जो कि इसे चाहते हैं बल्कि उन्हें देना है जिनको इसकी जरूरत है। देश के सबसे कमजोर लोगों को बचाना है और पूरे विश्व में यही किया जा रहा है।
CDC ने इस कंडीशन को बताया था हाई रिस्क
एक यूजर ने सवाल भी उठाया है कि क्या डाउन सिंड्रोम के लोग वैक्सीन लगवाने की योग्यता में आते हैं? इस पर हंसल ने जवाब दिया है, सच? प्लीज मुझे प्रक्रिया और नोटिफिकेशन दिखाने में मदद करें। रिपोर्ट्स थीं कि भारत में डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को वैक्सीन देने में प्राथमिकता दी जाएगी। यूएस के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) ने इस जेनेटिक कंडीशन को ‘हाई रिस्क’ लिस्ट में रखा था।
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